Tuesday, October 11, 2011


केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा है... नक्सल प्रभावित जिलों की भौगोलिक प्रकृति पर विचार करें तो सभी जिले आदिवासी बहुल आबादी वाले हैं। यहां के भूगर्भ में कोयला, बाक्साइट और लौह अयस्क प्रचुर मात्रा में है। सभी जिले विभिन्न राज्यों की सीमाओं से जुड़े हैं।
नक्सली अपने रणनीतिक उद्देश्यों के लिए आदिवासी क्षेत्रों और आदिवासियों के मुद्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। भौगोलिक स्थिति और वन क्षेत्र छापामार जंग लड़ने के लिए उनके अनुकूल है। गृहमंत्री पी चिदंबरम के हाल में नक्सलियों से बिना शर्त वार्ता की पेशकश को ग्रामीण विकास मंत्री ने सराहा।
उन्होंने कहा कि इसका तात्पर्य यह नहीं है कि नक्सली अपनी विचारधारा छोड़ दें, लेकिन यह जरूरी है कि वे हिंसा तत्काल रोक दें। विद्रोही गुटों को भंग कर हथियार डाल दें। उन्होंने कहा कि मेरे विचार से इससे बेहतर प्रस्ताव और कुछ नहीं हो सकता है।

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