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Thursday, February 16, 2012
Sunday, February 12, 2012
Sunday, December 18, 2011
ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के लिए जाने वाले विदेशी छात्रों की संख्या में एक साल के भीतर 54 हजार की कमी आ गई है।
भारतीय छात्रों से मारपीट की नस्लीय घटनाओं के बाद भारत समेत दुनिया के कई देशों के छात्रों ने ऑस्ट्रेलिया से मुंह मोड़ लिया है। ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के लिए जाने वाले विदेशी छात्रों की संख्या में एक साल के भीतर 54 हजार की कमी आ गई है। इससे उसकी अर्थव्यवस्था को भी भारी भरकम 10,000 करोड़ रुपये की चपत लगने का अनुमान है।
भारत के अलावा कंगारुओं के देश से जिनका मोहभंग हुआ है उनमें चीन, नेपाल, थाईलैंड और दक्षिण कोरिया सहित कई देश शामिल हैं। ऑस्ट्रेलियाई सरकार के शिक्षा, रोजगार और कार्यस्थल संबंधित विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की संख्या में 9.1 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस साल अक्तूबर में यह संख्या 5,41,942 रही है, जो कि पिछले साल 5,96,290 थी। इसमें सबसे ज्यादा 27.3 फीसदी गिरावट भारतीय छात्रों की संख्या में आई है। चीन के बाद भारत से ही सर्वाधिक छात्र पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया जाते हैं। चीन से जाने वाले छात्रों की संख्या में भी 4.3 प्रतिशत की कमी आई है।
ऑस्ट्रेलिया जाने वाले कुल अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 56 प्रतिशत छात्र चीन, भारत, दक्षिण कोरिया, वियतनाम और मलेशिया के होते हैं।
इन पांचों देशों के छात्रों की संख्या में गिरावट आई है। इन देशों में मलेशिया से जाने वाले छात्रों की गिरावट सबसे कम (1.8 फीसदी) रही है। अंतरराष्ट्रीय छात्र मुख्य रूप से उच्च शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा और ट्रेनिंग के लिए ऑस्ट्रेलिया जाते हैं। इसमें से व्यवसायिक शिक्षा और ट्रेनिंग के लिए जाने वाले छात्रों की संख्या में 16 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। अहम बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया में इन विषयों की पढ़ाई करने वाला हर तीसरा विदेशी छात्र भारतीय है।
भारत के अलावा कंगारुओं के देश से जिनका मोहभंग हुआ है उनमें चीन, नेपाल, थाईलैंड और दक्षिण कोरिया सहित कई देश शामिल हैं। ऑस्ट्रेलियाई सरकार के शिक्षा, रोजगार और कार्यस्थल संबंधित विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की संख्या में 9.1 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस साल अक्तूबर में यह संख्या 5,41,942 रही है, जो कि पिछले साल 5,96,290 थी। इसमें सबसे ज्यादा 27.3 फीसदी गिरावट भारतीय छात्रों की संख्या में आई है। चीन के बाद भारत से ही सर्वाधिक छात्र पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया जाते हैं। चीन से जाने वाले छात्रों की संख्या में भी 4.3 प्रतिशत की कमी आई है।
ऑस्ट्रेलिया जाने वाले कुल अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 56 प्रतिशत छात्र चीन, भारत, दक्षिण कोरिया, वियतनाम और मलेशिया के होते हैं।
इन पांचों देशों के छात्रों की संख्या में गिरावट आई है। इन देशों में मलेशिया से जाने वाले छात्रों की गिरावट सबसे कम (1.8 फीसदी) रही है। अंतरराष्ट्रीय छात्र मुख्य रूप से उच्च शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा और ट्रेनिंग के लिए ऑस्ट्रेलिया जाते हैं। इसमें से व्यवसायिक शिक्षा और ट्रेनिंग के लिए जाने वाले छात्रों की संख्या में 16 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। अहम बात यह है कि ऑस्ट्रेलिया में इन विषयों की पढ़ाई करने वाला हर तीसरा विदेशी छात्र भारतीय है।
Thursday, December 1, 2011
SCIENCE AND TECHNOLOGY: अग्नि 1 मिसाइल का परीक्षण .....
SCIENCE AND TECHNOLOGY: अग्नि 1 मिसाइल का परीक्षण .....: भारत ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम और 700 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली अपनी अग्नि 1 मिसाइल का सेना के प्रायोगिक परीक्षण के तौर पर ...
सारांश यहाँ आगे पढ़ें के आगे यहाँ
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Saturday, October 22, 2011
वर्ष 2010-11 में 8.5 प्रतिशत की विकास दर दर्ज करने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष के दौरान 8 फ़ीसदी की विकास दर दर्ज करने की उम्मीद है.
वर्ष 2010-11 में 8.5 प्रतिशत की विकास दर दर्ज करने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष के दौरान 8 फ़ीसदी की विकास दर दर्ज करने की उम्मीद है.
अपने भाषण में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने धीमी होती विकास दर की रफ्तार पर चिंता व्यक्त की लेकिन ज़ोर दिया कि राष्ट्र को नकारात्मक विचारों से बचना चाहिए.
अगली योजना के दौरान 9 फ़ीसदी विकास के लक्ष्य का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस सवाल पर मनन भी ज़रूरी है कि धीमी होती अर्थव्यवस्था की रफ्तार में क्या यह संभव है.
उधर ब्रसेल्स में शिखर वार्ता के लिए पहुंचे ब्रिटेन के चांसलर जॉर्ज ओसबोर्न ने कहा है कि यूरोज़ोन ऋण संकट सारे यूरोप के लिए ख़तरे की घंटी है.
यूरोज़ोन के सदस्य देशों के वित्त मंत्री आर्थिक समस्याओं के समाधान खोजने के लिए बैठक कर रहे हैं.
Tuesday, October 11, 2011
जीसीसी में बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात सहित कुल छह देश हैं...
प्रस्ताव में 11 सदस्यीय निकाय की बात कही गई है जिसमें कम से कम 50 फीसदी सदस्य न्यायिक पृष्ठभूमि के हो, जिनमें सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश शामिल हों..
विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, लोकपाल को संवैधानिक निकाय बनाने के कदम का मकसद कानून पास करने में देरी करने का नहीं है। संसद के शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को पारित करने पर हम अभी भी कायम हैं।
लोकपाल के स्वरूप के बारे में पूछे जाने पर विधि मंत्री ने कहा, प्रस्ताव में 11 सदस्यीय निकाय की बात कही गई है जिसमें कम से कम 50 फीसदी सदस्य न्यायिक पृष्ठभूमि के हो, जिनमें सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश शामिल हों।
खुर्शीद ने आश्वस्त किया कि प्रस्ताव संसद की विधि-न्याय तथा जन शिकायत एवं कार्मिक विभाग से जुड़ी स्थाई समिति के समक्ष है। यह पूछे जाने पर कि क्या इस संबंध में विपक्षी पार्टियों को बता दिया गया है, उन्होंने कहा, मंत्रिमंडल के विभिन्न सदस्य विपक्ष के कुछ विशिष्ट नेताओं के संपर्क में हैं।
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